आनंदयात्री
आनंदाच्या शोधात निघालेला
आणि प्रत्येक गोष्टीत आनंद शोधणारा
– निलेश दिलीपराव झाल्टे
माझ्या कविता ज्या तुम्हाला नक्की आवडतील - My Own Poems
बालाजी महाराज के ऊपर सुरमई भक्ति गीत
रश्मि मेहता द्वारा बालाजी महाराज के चरणों में भक्ति भाव विभोर होकर उड़नगांव के अराध्य दैवत बालाजी महाराज के ऊपर सुरमई भक्ति गीत बनाया है. मैं आशा करती हूं की आप सभी यह भक्ति गीत जरूर पसंद आएगा. यह हमारा चोटासा प्रयास अगर आपको पसंद आए तो लाइक और सब्सक्राइब अवश्य करे
![kranti chowk aurangabad](https://i1.wp.com/infosrushti.com/wp-content/uploads/2021/04/maxresdefault-1.jpg?fit=300%2C169&ssl=1)
तेही दिवस येतील – औरंगाबाद स्पेशल
क्रांती चौकात थाटात शिवजयंती साजरी करणार,राजांना आपल्या नवीन रुपात मुजरा करणार.भीमजयंती सुद्धा जोरात गाजनार,जल्लोष साऱ्या आसमंतात दुमदुमनार. करू साजरी गुलमंडीवर धुळवड.,सध्या तरी घरी राहणे हीच योग्य निवड.सण सर्व साजरे होतीलच हो,जरा या कोरोनातुन मिळू द्या सवड. पुन्हा खाऊया आवडीने श्री चे पोहे,बरकत चा चहा, उस्मान भाईचे भजे.उत्तमची मिठाई आणि गायत्री ची चाट,फक्त योग्य दिवसाची सध्या
![Updated Women](https://i0.wp.com/infosrushti.com/wp-content/uploads/2021/02/9.jpg?fit=300%2C287&ssl=1)
अपडेटेड स्त्री-शक्ती
आजच्या या एकविसाव्या शतकात या स्पर्धेच्या युगात टिकून रहायचे असेल तर या स्त्री-शक्ती ला अपडेटेड स्त्री शक्ती होण्याशीवाय पर्याय नाही.
फुल
एक फुल था
प्यार से मैने फुलाया था
जल, हवा मिट्टी से
मैने उसे खिलाया था
न जाने कहासे
एक कोई शैतान आया
और इस जहासे
उसने फुलको उठाया
क्या कसूर था
ऊस बिचारे फुल का
या फार फुल को बढाया था
इस मेरे भूल का
मुसाफीर
मुसाफीर हुं मै यारो,
चलना मेरा काम था।
परवाने कई मिलते गये,
मिलना उनका काम था।
प्यार दिया मैने,
जीन्होने मुझे प्यार दिया।
जीन्होने मुझसे व्यवहार किया,
मैने उनसे व्यवहार किया।
अब यहा आ पहुचा,
पता नही कबतक रहू।
रुकना मुझे मुंकीन नही,
मै तो एक मुसाफिर हु।
जागने का वक्त है।
बहोत हो गयी निंदियाराणी।
अब जागने का वक्त है।
दुष्मनोकी खतम हुई मनमानी
अब उनके भागने का वक्ते है।
निष्पाप कई लोगोका
गीर रहा यहा रक्त है।
फिर नई आजादी को
दिल मेरा आसक्त है।
हर जगा है भागा दौडी
हर जगा पे आवेश है।
उठो प्यारे नवं जवानो
खतरेमे अपना प्रदेश है।
चारोळी
कि मन जरा खट्टू होत,
तू आहेस इथेच आसपास
अस सांगितल तरी लट्टू होत.